राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में शुरू हुआ विवाद अब अलग रूप लेता दिख रहा है। पार्टी में पिछले कुछ दिनों से शुरू हुई खींचतान के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही प्रदेश स्तरीय सभी कमेटियां भंग कर दी गई हैं।
उधर इस मामले की जानकारी मिलने पर सांसद अरुण कुमार ने कहा कि रालोसपा अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद वे खुद को हल्का महसूस कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा चाटुकारों से घिरे हुए हैं और उनको अपनी हकीकत का ही पता नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक अरुण कुमार को हटाए जाने के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इस मसले को लेकर रालोसपा पूरी तरह दो धड़ों में बंटती दिख रही है। बताया गया है कि कार्रवाई के लिए होने वाली बैठक में पार्टी के वरीय नेताओं को नहीं बुलाया गया। अपने निकटवर्ती समर्थकों के साथ बैठक कर उपेंद्र कुशवाहा ने अरुण कुमार को पद से हटाने की घोषणा की। सांसद अरुण कुमार जो कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, पिछले दिनों प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उपेंद्र कुशवाहा पर हवाला कारोबारियों के साथ होने का आरोप लगाया था।
इस बारे में पूछे जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव फैसल इमाम मल्लिक ने बताया कि अरुण कुमार को हटाने में कोई राजनीति नहीं की गई है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही संगठन में फेरबदल प्रस्तावित था। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण फैसले में देरी हुई। उन्होंने कहा कि इस कदम का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
जानकारों का कहना है कि ललन पासवान और शिवराज सिंह जैसे पार्टी नेताओं की गैरमौजूदगी में अरुण कुमार पर कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव की मंजूरी को लेकर भी पार्टी के बड़े हिस्से में असंतोष के स्वर उभर सकते हैं। बताया गया है कि तीन सांसदों वाली पार्टी में एक सांसद अरुण कुमार खुद भी हैं जिन्हें कुशवाहा ने पद से हटाया है। इसे लेकर पार्टी के भीतर विवाद गहराने की उम्मीद है क्योंकि अरुण कुमार के समर्थकों की भी पार्टी में अच्छी संख्या है।
पार्टी के लोकसभा में तीन सांसद हैं। इसमें अरुण कुमार जहानाबाद के सांसद हैं। पार्टी 2014 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ तीन सीटों से लड़ी थी और तीनों पर इसको जीत मिली थी।विधानसभा में पार्टी के दो सदस्य हैं। इस विवाद के बाद सबकी नजरें अब जहानाबाद के पार्टी सांसद और हटाए गए प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार के अगले कदम पर टिकी हैं। बताया गया है कि वे भी अपने समर्थकों संग बैठक कर अपने अगले कदम का एलान कर सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा और अरूण कुमार में चल रहा था विवाद
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और जहानाबाद सांसद अरूण कुमार में विवाद चल रहा था। विवाद के कारण रालोसपा में दो गुट बन गया था। जिसको लेकर कई बार पार्टी के नेता एक साथ नहीं आ पाए। अरूण पर आरोप यह भी है कि उनका एक समर्थक ने पीएम को पत्र लिखा था जिसपर उपेंद्र कुशवाहा के हवाला कारोबारियों से संबंध का आरोप लगाया था।
उधर इस मामले की जानकारी मिलने पर सांसद अरुण कुमार ने कहा कि रालोसपा अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद वे खुद को हल्का महसूस कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा चाटुकारों से घिरे हुए हैं और उनको अपनी हकीकत का ही पता नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक अरुण कुमार को हटाए जाने के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इस मसले को लेकर रालोसपा पूरी तरह दो धड़ों में बंटती दिख रही है। बताया गया है कि कार्रवाई के लिए होने वाली बैठक में पार्टी के वरीय नेताओं को नहीं बुलाया गया। अपने निकटवर्ती समर्थकों के साथ बैठक कर उपेंद्र कुशवाहा ने अरुण कुमार को पद से हटाने की घोषणा की। सांसद अरुण कुमार जो कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, पिछले दिनों प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उपेंद्र कुशवाहा पर हवाला कारोबारियों के साथ होने का आरोप लगाया था।
इस बारे में पूछे जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव फैसल इमाम मल्लिक ने बताया कि अरुण कुमार को हटाने में कोई राजनीति नहीं की गई है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही संगठन में फेरबदल प्रस्तावित था। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण फैसले में देरी हुई। उन्होंने कहा कि इस कदम का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
जानकारों का कहना है कि ललन पासवान और शिवराज सिंह जैसे पार्टी नेताओं की गैरमौजूदगी में अरुण कुमार पर कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव की मंजूरी को लेकर भी पार्टी के बड़े हिस्से में असंतोष के स्वर उभर सकते हैं। बताया गया है कि तीन सांसदों वाली पार्टी में एक सांसद अरुण कुमार खुद भी हैं जिन्हें कुशवाहा ने पद से हटाया है। इसे लेकर पार्टी के भीतर विवाद गहराने की उम्मीद है क्योंकि अरुण कुमार के समर्थकों की भी पार्टी में अच्छी संख्या है।
पार्टी के लोकसभा में तीन सांसद हैं। इसमें अरुण कुमार जहानाबाद के सांसद हैं। पार्टी 2014 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ तीन सीटों से लड़ी थी और तीनों पर इसको जीत मिली थी।विधानसभा में पार्टी के दो सदस्य हैं। इस विवाद के बाद सबकी नजरें अब जहानाबाद के पार्टी सांसद और हटाए गए प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार के अगले कदम पर टिकी हैं। बताया गया है कि वे भी अपने समर्थकों संग बैठक कर अपने अगले कदम का एलान कर सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा और अरूण कुमार में चल रहा था विवाद
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और जहानाबाद सांसद अरूण कुमार में विवाद चल रहा था। विवाद के कारण रालोसपा में दो गुट बन गया था। जिसको लेकर कई बार पार्टी के नेता एक साथ नहीं आ पाए। अरूण पर आरोप यह भी है कि उनका एक समर्थक ने पीएम को पत्र लिखा था जिसपर उपेंद्र कुशवाहा के हवाला कारोबारियों से संबंध का आरोप लगाया था।
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