एकादशी पर्व पर सोमवार को बांके बिहारी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने
दर्शन किए। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा को लेकर पुलिस की
लापरवाही उजागर हुई। पुलिस की गैर मौजूदगी का लाभ असामाजिक तत्वों ने
उठाया।
बांके बिहारी के एकादशी पर्व पर दर्शन करने के लिए दिल्ली, राजस्थान,
मध्य प्रदेश और आसपास के श्रद्धालु सुबह से ही उमड़े। भीड़ को नियंत्रित करने
को एक भी कांस्टेबल दिखाई नहीं दिया। इसका फायदा उठाते हुए चेन स्नेचरों
ने मंदिर परिसर में आधा दर्जन श्रद्धालुओं की जेब साफ की और दो महिलाओं के
गले से सोने की चेन तोड़ ली गई।
दिल्ली के शाहदरा निवासी कमला गुलाटी और फरीदाबाद निवासी सुभद्रा देवी
ने बताया कि मंदिर में दर्शन के दौरान कब उनके गले की चेन कट गई, पता नहीं
चला। मंदिर के बाहर जब वह दोनों परिजनों के साथ लस्सी पीने रुकीं, तब
परिजनों की नजर गले पर पड़ी, तब जानकारी हुई।
इसी तरह गुड़गांव निवासी शुभेंद्र गुप्ता, विनोद कापरी, दिल्ली के तिलक
नगर निवासी शोभित अरोड़ा, करोलबाग निवासी विनोद अग्रवाल, उत्तम नगर निवासी
कुंजबिहारी गुप्ता बांके बिहारी पुलिस चौकी पर अपनी जेब कटने की शिकायत
लेकर पहुंचे। जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें कोतवाली का रास्ता दिखा
दिया।
लगता रहा जाम, सोती रही पुलिस
वृंदावन। एकादशी पर्व पर शहर की पंचकोसीय परिक्रमा को हजारों
श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। परिक्रमा मार्ग में दौड़ते अनियंत्रित वाहन
और अटल्ला व इस्कॉन कट पर वाहनों से लगा जाम परेशानी का सबब बनता रहा।
लेकिन पूरे परिक्रमा मार्ग में पुलिस का एक भी कांस्टेबल नहीं दिखा।
बांकेबिहारी की नगरी वृंदावन में एकादशी पर पंचकोसीय परिक्रमा करने
हजाराें भक्त भोर होते हुए उमड़ पड़े। पूरे परिक्रमा मार्ग में पुलिस की
अनदेखी का खामियाजा श्रद्धालुओं को उठाना पड़ा। रास्तेभर अनियंत्रित दौड़ते
वाहन श्रद्धालुओं के लिए खतरा बनते दिखाई दिए। पानीगांव पक्का पुल से
वृंदावन आने-जाने वाले वाहनों को रोकने या नियत स्थान पर खड़ा करवाने को कोई
ट्रैफिक प्लान न तो प्रशासन ने बनाया न ही स्थानीय पुलिस ने। परिक्रमा में
दौड़ते छोटे-बड़े वाहनों से बचते-बचाते जैसे-तैसे श्रद्धालुओं ने परिक्रमा
पूरी की। मथुरा मार्ग पर अटल्ला चुंगी और छटीकरा मार्ग पर इस्कॉन मंदिर के
निकट परिक्रमा कट के अलावा प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर पर सुबह से ही वाहनों
से जाम लगा रहा। जाम खुलवाने को भी पुलिस का कोई कांस्टेबल नजर नहीं आया।
सुबह 8 बजे शुरू हुआ जाम दोपहर को एक बजे तक लगा रहा। पुलिस की अनदेखी का
खामियाजा पिछले दिन रविवार को भी श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों ने जाम के
झाम में फंसकर उठाया। बावजूद इसके प्रशासन की आंख नहीं खुलीं।
Source: Spiritual News in Hindi & Hindi Panchang
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