सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद करने वाले लोगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अाज केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी। इससे पहले सड़क दुर्घटना में मदद करने वालों को पुलिस या अन्य प्राधिकरण की अोर से परेशान किया जाता था।
न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा और अरुण मिश्रा ने केंद्र सरकार से कहा कि इन दिशानिर्देशों का व्यापक प्रचार करने की जरूरत है ताकि संकट के समय लोग दूसरों की मदद करने के लिए अागे अाएं अौर किसी अधिकारी द्वारा प्रताड़ित न हो।
यह है दिशा-निर्देश में
- सड़क दुर्घटना में मदद करने वालों को पुलिस परेशान नहीं करेगी
- उन्हें कानूनी दावंपेंच में नहीं उलझाया जाएगा
- दुर्घटना के मामले में चश्मीदद पीडित को अस्पताल पहुंचाने के बाद जा सकेगा
- उसे पुलिस नाम पता देने के लिए मजबूर नहीं करेगी
- सभी अस्पताल किसी भी व्यक्ति को नहीं रोकेगा न ही उसे पैसे देने और न ही पुलिस केस दर्ज कराने के लिए कहेगा
- पुलिस उसे जबरन गवाह नहीं बनाएगी
- बाद मे व्यक्ति वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कोर्ट में गवाही दे सकता है
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने वाले पुलिस कर्मियों और अस्पतालों के खिलाफ कारवाई होगी
- केंद्र इस आदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए कदम उठाए
इन आदेशों के बाद दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने और अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुलिस जांच के नाम पर परेशान और उन्हें लंबी कानूनी प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा। गौरतलब है कि सेव लाइफ फाउंडेशन नामक संगठन ने 2012 में याचिका दाखिल कर कहा था कि सड़क पर लोग इसलिए जख्मी लोगों की मदद नहीं करते क्योंकि फिर पुलिस उन्हें परेशान करती है। इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके लिए गाइडलाइन जारी की थी।
न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा और अरुण मिश्रा ने केंद्र सरकार से कहा कि इन दिशानिर्देशों का व्यापक प्रचार करने की जरूरत है ताकि संकट के समय लोग दूसरों की मदद करने के लिए अागे अाएं अौर किसी अधिकारी द्वारा प्रताड़ित न हो।
यह है दिशा-निर्देश में
- सड़क दुर्घटना में मदद करने वालों को पुलिस परेशान नहीं करेगी
- उन्हें कानूनी दावंपेंच में नहीं उलझाया जाएगा
- दुर्घटना के मामले में चश्मीदद पीडित को अस्पताल पहुंचाने के बाद जा सकेगा
- उसे पुलिस नाम पता देने के लिए मजबूर नहीं करेगी
- सभी अस्पताल किसी भी व्यक्ति को नहीं रोकेगा न ही उसे पैसे देने और न ही पुलिस केस दर्ज कराने के लिए कहेगा
- पुलिस उसे जबरन गवाह नहीं बनाएगी
- बाद मे व्यक्ति वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कोर्ट में गवाही दे सकता है
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने वाले पुलिस कर्मियों और अस्पतालों के खिलाफ कारवाई होगी
- केंद्र इस आदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए कदम उठाए
इन आदेशों के बाद दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने और अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुलिस जांच के नाम पर परेशान और उन्हें लंबी कानूनी प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा। गौरतलब है कि सेव लाइफ फाउंडेशन नामक संगठन ने 2012 में याचिका दाखिल कर कहा था कि सड़क पर लोग इसलिए जख्मी लोगों की मदद नहीं करते क्योंकि फिर पुलिस उन्हें परेशान करती है। इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके लिए गाइडलाइन जारी की थी।
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