हरिद्वार। मौनी अमावस्या पर हजारों लोगों ने नारायणी शिला पहुंच कर अपने
पितृों को मोक्ष दिलाया। इस मौके पर नारायणी शिला पर लोगों ने अपने पितृों
के निमित यज्ञ-हवन किए।
गुरुवार को गंगा स्नान के बाद हजारों लोगों ने नारायणी शिला पहुंचकर
अपने पितृों के निमित यज्ञ और दान आदि कर उन्हें मोक्ष दिलाया। गरुड़ और
विष्णु पुराण में कहा गया है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को 13
दिनों तक प्रेत योनि में रखा जाता है। जिसके बाद में उनके निमित यज्ञ हवन
करके उन्हें मोक्ष दिलाया जाता है। इसके लिए हरिद्वार स्थित नारायणी शिला
का उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। विख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित
शक्तिधर शर्मा शास्त्री ने बताया कि बाकि अमावस्याओं की अपेक्षा मौनी
अमावस्या पर किए गए हवन आदि का अतिशीघ्र फल मिलता है। क्योंकि, इस दिन
सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में स्थित रहते हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन
गंगा स्नान के बाद ही पितृों के निमित्त हवन किया जाता है। इसके लिए गंगा
स्नान करने के भी अलग नियम होते हैं। इस दिन यज्ञ हवन से पहले कोई भी मादक
द्रव्य और तंबाकू का सेवन किए बगैर गंगा उत्तर दिशा में मुख करके स्नान
करना चाहिए और तिल जौ और गिलोय युक्त हवन सामग्री से हवन करने के बाद कपड़े
और अन्य मानव उपयोगी वस्तुएं दान देने से पितृों को बैकुंठ धाम में स्थान
प्राप्त होता है।
स्नान के बाद गंगा और विष्णु पूजा का क्रम भी जारी रहा दिनभर-
भाजपा नेत्री साध्वी उमा भारती ने भी मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान
किया। उन्होंने गुरुवार को नीलधारा स्थित दक्षिण काली मंदिर घाट पर स्नान
किया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा में अपनी आस्था और गंगा की महिमा को भी
बताया।
कम रही भीड़-मौनी अमावस्या स्नान के लिए सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम
बुधवार को ही पूरे कर लिए थे। पुलिस प्रशासन के अनुसार मौनी अमावस्या पर
करीब सात से दस लाख श्रद्धालु आने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन विभिन्न
कारणों से गुरुवार को महज दो से ढाई लाख श्रद्धालु ही स्नान के लिए
हरिद्वार पहुंचे थे।
गुरुवार को पवित्र मौनी अमावस्या पर पुण्य लाभ लेने के लिए लाखों लोगों
ने गंगा में पावन डुबकी लगाई।
ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ स्नान का क्रम
शाम तक चलता रहा। हरकी पैड़ी समेत दर्जनों घाटों पर शाम तक करीब ढाई लाख
श्रद्धालुओं ने पावन डुबकी लगा पुण्य कमाया। गुरुवार को मौनी अमावस्या के
दिन सिद्धि योग रहा। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार विभिन्न स्नान और पर्वो के
दिन आने वाला सिद्धि योग हर कार्य के पूर्ण होने के शुभ संकेत लेकर आता है।
सिद्धि योग में पुण्य कमाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली आदि
राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं ने गुरुवार को धर्मनगरी का रुखकिया।
ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री के अनुसार मौनी अमावस्या
पर मौन रहकर व्रत करने और गंगा में स्नान कर दान, यज्ञ और पूजा अर्चना करने
से सैकड़ों अश्वमेघ यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। विष्णु की पूजा इस
व्रत के दौरान श्रेयस्कर मानी जाती है।
गुरुवार को हरकी पैड़ी, सर्वानंद
घाट, कुशावर्त घाट, बिरला घाट, अलकनंदा घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर
आश्रम घाट व लवकुश घाट आदि घाटों पर करीब ढाई लाख लोगों ने मौनी अमावस्या
पर पावन डुबकी लगाई।
Source: Hindi News & Hindi Panchang 2014
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