100 किलोमीटर दूर से लक्ष्य ढूंढेगा ग्लाइड बम
ओडिशा के बालासोर जिला स्थित चांदीपुर परीक्षण रेंज से शुक्रवार को एक हजार किलोग्राम वजनी ग्लाइड बम का परीक्षण किया गया। पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित यह बम लक्ष्य से करीब सौ किलोमीटर दूर छोड़ा गया, जिसे रडार व इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सिस्टम से नियंत्रित किया। बम सौ किमी दूर से भी लक्ष्य को ढूंढने की क्षमता रखता है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बम को भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट से बंगाल की खाड़ी के ओडिशा तटीय क्षेत्र में गिराया गया। इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) स्थित रडार व इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सिस्टम द्वारा नियंत्रित ग्लाइड बम पूरी परिशुद्धता के साथ लक्ष्य तक पहुंचा। डीआरडीओ के महानिदेशक अविनाश चंदर ने वायुसेना दल के साथ अभियान में शामिल सभी वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आज देश भारी बम बनाने, विकसित करने और लांच करने में सक्षम हो गया है।
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