आयकर विभाग का नाम जेहन में आते ही तमाम तरह की उलझने दिमाग में आने लगती हैं। खासतौर से नौकरीपेशा लोगों के लिए करों की अदायगी सिरदर्द से कम नहीं होता है। लेकिन मुंबई में इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल के फैसले ने राहत भरी खबर दी है। अगर आप नौकरी करते हैं और गलती से आप ने अपनी आय का ब्यौरा नहीं दिया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि आयकर अधिकारी जुर्माना नहीं लगा सकते हैं।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि सर्विस क्लास लोगों की सैलरी और उनकी आय के बारे में पूरी जानकारी पहले से उपलब्ध होती है। नौकरीपेशा लोगों का टीडीएस पहले ही काट लिया जाता है। इतना ही नहीं नियोक्ता की तरफ से फॉर्म 16 उपलब्ध कराया जाता है जिसमें विस्तार से जानकारी दी होती है। लिहाजा सर्विस क्लास के लोग अपनी आय को छिपा ही नहीं सकते हैं। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसी शख्स को आयकर अधिकारी महज इसलिए परेशान या आर्थिक दंड नहीं दे सकते हैं उसने इ-फाइलिंग करते वक्त किसी तरह की गलती कर दी थी।
दरअसल निल्सन और एचयूएल के लिए काम करने वाली एक महिला कर्मचारी को 21 लाख रुपए की आय हुई थी। फार्म 16 के जरिए उन्होंने अपने टैक्स को अदा किया लेकिन पंचिग में टैक्सेबल इनकम दो लाख की जगह 21 लाख दर्ज हो गयी। लेकिन मशीन द्वारा हुई गलती के लिए आयकर अधिकारियों ने उस शख्स को जिम्मेदारा माना और भारी जु्र्माना लगा दिया। पीड़ित महिला का कहना था कि जिस समय उसने इ फाइलिंग की वो गर्भवती थी और समय की कमी की वजह से वो इ-फाइलिंग पर ध्यान नहीं दे सकी। जिसका खामियाजा ये उठाना पड़ा कि आयकर विभाग ने उस महिला कर्मचारी पर 13 लाख से ज्यादा का जु्र्माना लगा दिया।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि सर्विस क्लास लोगों की सैलरी और उनकी आय के बारे में पूरी जानकारी पहले से उपलब्ध होती है। नौकरीपेशा लोगों का टीडीएस पहले ही काट लिया जाता है। इतना ही नहीं नियोक्ता की तरफ से फॉर्म 16 उपलब्ध कराया जाता है जिसमें विस्तार से जानकारी दी होती है। लिहाजा सर्विस क्लास के लोग अपनी आय को छिपा ही नहीं सकते हैं। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसी शख्स को आयकर अधिकारी महज इसलिए परेशान या आर्थिक दंड नहीं दे सकते हैं उसने इ-फाइलिंग करते वक्त किसी तरह की गलती कर दी थी।
दरअसल निल्सन और एचयूएल के लिए काम करने वाली एक महिला कर्मचारी को 21 लाख रुपए की आय हुई थी। फार्म 16 के जरिए उन्होंने अपने टैक्स को अदा किया लेकिन पंचिग में टैक्सेबल इनकम दो लाख की जगह 21 लाख दर्ज हो गयी। लेकिन मशीन द्वारा हुई गलती के लिए आयकर अधिकारियों ने उस शख्स को जिम्मेदारा माना और भारी जु्र्माना लगा दिया। पीड़ित महिला का कहना था कि जिस समय उसने इ फाइलिंग की वो गर्भवती थी और समय की कमी की वजह से वो इ-फाइलिंग पर ध्यान नहीं दे सकी। जिसका खामियाजा ये उठाना पड़ा कि आयकर विभाग ने उस महिला कर्मचारी पर 13 लाख से ज्यादा का जु्र्माना लगा दिया।
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