जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दस शिक्षकों ने कैंपस में हो रही गतिविधियों को लेकर पूर्व कुलपति को 400 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें साफतौर पर लिखा गया है कि पाकिस्तान समेत कई जगह देशविरोधी कार्यक्रमों में जेएनयू के शिक्षक और छात्र शामिल होते हैं। इसके बाद भी जेएनयू प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएनयू में कई ऐसे छात्र हैं जो अवैध रूप से हास्टल में रहते हैं। जेएनयू के एक वरिष्ठ शिक्षक सहित अन्य शिक्षकों व कुछ छात्रों ने इसमें सहयोग किया है।
सूत्रों की मानें तो एक साल पहले यह रिपोर्ट सरकार और जेएनयू प्रशासन को सौंपी गई थी। इसमें साफतौर पर लिखा गया है कि कई जगह देशविरोधी कार्यक्रमों में जेएनयू के शिक्षक और छात्र शामिल होते हैं।
यही नहीं, गुलाम कश्मीर में भी आयोजित कार्यक्रमों में कुछ शिक्षकों के शामिल होने की बात कही गई है। जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के शोध छात्र अंबा शंकर वाजपेयी का कहना है कि कैंपस और कैंपस के बाहर देशविरोधी गतिविधियों में जेएनयू के शिक्षक और छात्रों की संलिप्तता के प्रमाण हैं।
इसकी पूरी जानकारी सरकार और उसकी एजेंसियों के पास भी है। इन पर एजेंसियों को गंभीरता से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। संस्कृत अध्ययन केंद्र के शिक्षक डॉ. हरिराम मिश्र का कहना है कि कैंपस में ऐसी कई गतिविधियां होती हैं, जिन पर यहां के कई शिक्षकों को आपत्ति होती है।
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को तत्काल उन लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए जो चेहरा ढंककर नारेबाजी कर रहे थे। कई लोग ऐसे हैं जो जेएनयू को बदनाम कर रहे हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएनयू में कई ऐसे छात्र हैं जो अवैध रूप से हास्टल में रहते हैं। जेएनयू के एक वरिष्ठ शिक्षक सहित अन्य शिक्षकों व कुछ छात्रों ने इसमें सहयोग किया है।
सूत्रों की मानें तो एक साल पहले यह रिपोर्ट सरकार और जेएनयू प्रशासन को सौंपी गई थी। इसमें साफतौर पर लिखा गया है कि कई जगह देशविरोधी कार्यक्रमों में जेएनयू के शिक्षक और छात्र शामिल होते हैं।
यही नहीं, गुलाम कश्मीर में भी आयोजित कार्यक्रमों में कुछ शिक्षकों के शामिल होने की बात कही गई है। जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के शोध छात्र अंबा शंकर वाजपेयी का कहना है कि कैंपस और कैंपस के बाहर देशविरोधी गतिविधियों में जेएनयू के शिक्षक और छात्रों की संलिप्तता के प्रमाण हैं।
इसकी पूरी जानकारी सरकार और उसकी एजेंसियों के पास भी है। इन पर एजेंसियों को गंभीरता से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। संस्कृत अध्ययन केंद्र के शिक्षक डॉ. हरिराम मिश्र का कहना है कि कैंपस में ऐसी कई गतिविधियां होती हैं, जिन पर यहां के कई शिक्षकों को आपत्ति होती है।
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को तत्काल उन लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए जो चेहरा ढंककर नारेबाजी कर रहे थे। कई लोग ऐसे हैं जो जेएनयू को बदनाम कर रहे हैं।
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